Monday, August 28, 2023

आदित्य L(लेंगरीजियन)१

क्या हे आदित्य-एल1 मिशन?

सूर्य का करीब से अध्ययन करना और महत्व पूर्ण जानकारी मानव सभ्यता को बचाने हेतु संकलित करके पृथ्वी पे भेजना।

•सूर्य के वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास।

•सूर्य के कोरोना, सौर उत्सर्जन, सौर हवाओं और फ्लेयर्स, और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) का अध्ययन।

• यह मिशन अध्ययन के लिए सात पेलोड (उपकरण) से सुसज्जित।

• यह सूर्य की चौबीसों घंटे इमेजिंग करेगा।

सूर्य का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण?

•पृथ्वी और सौर मंडल से परे प्रत्येक ग्रह विकसित होता है; विकास मूल तारे द्वारा नियंत्रित।

•सौर मौसम और पर्यावरण पूरे सिस्टम के मौसम को प्रभावित।

•मौसम में बदलाव- उपग्रहों की कक्षाओं को बदल सकते हैं; उनके जीवन को कम, पृथ्वी पर पॉवर ब्लैकआउट।

•अंतरिक्ष के मौसम को समझने के लिए सौर घटनाओं का ज्ञान महत्वपूर्ण।

•तूफानों के बारे में जानने और उन पर नज़र रखने और उनके प्रभाव की भविष्यवाणी करने के लिए, निरंतर सौर अवलोकन।

•सूर्य से निकलने वाला और पृथ्वी की ओर जाने वाला प्रत्येक तूफान L1 से होकर गुजरता।

•सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के L1 के चारों ओर हेलो कक्षा में रखे गए उपग्रह से सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखा।

•L1. लैग्रेजियन/ग्रेज प्वाइंट 1 को संदर्भितः पृथ्वी सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल में पाँच बिंदुओं में से एक।

•अंतरिक्ष में स्थित बिंदु: जहाँ दो अंतरिक्ष निकायों (जैसे- सूर्य और पृथ्वी) के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षण एवं प्रतिकर्षण का क्षेत्र उत्पन्न होता है।

•उपयोग प्रायः अंतरिक्षयान द्वारा अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिये आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने हेतु।

•पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य की उड़ान के दौरान 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक के तापमान का सामना

कितनी हीट सह सकेगा आदित्य-एल1??

. आदित्य-एल1 को इतनी गर्मी का सामना नहीं; क्योंकि नासा के मिशन की तुलना में यह सूर्य से बहुत दूर

• अन्य चुनौतियों भी हैं-

> मिशन के लिए कई उपकरण और उनके घटक पहली बार भारत में निर्मित

> देश के वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष समुदायों के लिए एक अवसर के रूप में एक चुनौती हे।



कुछ मेरे मन की बात:

1720 से 2020 तक: ब्रह्मांड ने कैसे हर 100 साल में महामारियों ने मानवता को खतरे में डाल दिया है?

1720 में प्लेग,
1820 हैजा,
1920 स्पैनिश फ़्लू,
2020 कोरोनावाइरस।

ऐसा लगता है कि 100 साल में एक बार दुनिया किसी महामारी से तबाह होती है।

मेरा इसरो को सुझाव है कि वह हर 100 साल में सूर्य के रोड मैप का भविष्य का सटीक रास्ता खोजे.. ताकि हम अपनी पृथ्वी को मजबूत बना सकें.. वैसे भी वह पार्कर के साथ मिलकर शायद ढूंढ सकते है। 
वह नासा और isro का ज्वाइंट साहस दुनियां को लाभदायि हो सकता हे।
सूर्य का पादना आवश्यक हे।
यदि सूर्य अपना पाद खो रहा है तो हम महामारी से बहुत पीड़ित हो रहे हैं। 
यूट्यूब पर संदिग्ध पर्यवेक्षक चैनल उक्त विषय पर अधिक प्रगतिशील वाक्यों की व्याख्या करते हैं।
नासा को अभी भी सूर्य का पथ कहां होगा, वह रोड मैप नहीं मिल रहा है।

खुशी के पल
जय गुरुदेव दत्तात्रेय
जय हिंद

Sunday, August 27, 2023

moksha મોક્ષ

Question 
Who can give moksha ?
Answer
Person eating food can give you moksha..
Jay Gurudev DATTATREYA 

The darken side automatically involved our selves within thought process as like Surya Rashmi and connected with us by other lightening side for giving shinhy ray to some one or whole society.. as according..
Happy Moments
Jay HIND
Jay Gurudev DATTATREYA 
Jay HIND

Gujrati
પ્રશ્ન
મોક્ષ કોણ આપી શકે?
જવાબ આપો
ખોરાક ખાનાર વ્યક્તિ તમને મોક્ષ આપી શકે છે..
જય ગુરુદેવ દત્તાત્રેય

શ્યામ બાજુએ આપમેળે સૂર્ય રશ્મીની જેમ આપણી જાતને વિચાર પ્રક્રિયામાં સામેલ કરી અને કોઈ એક અથવા સમગ્ર સમાજને ચમકદાર કિરણ આપવા માટે અન્યની હળવાશથી આપણી સાથે જોડાઈ આવે છે..
ખુશ ક્ષણો
જય હિન્દ
જય ગુરુદેવ દત્તાત્રેય
જય હિન્દ

Friday, August 25, 2023

भारत में पत्रकारिता की शुरुआत

पत्रकारिता

अब से लगभग 250 वर्ष पहले जब व्यापारी से शासक बनी ईस्ट इंडिया कंपनी के एक मुलाजिम विलियम बोल्ट्स ने यह एलान किया- "मेरे पास ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो मुझे कहना है और जिनका सम्बन्ध हर व्यक्ति से है", तब वह भारत में आधुनिक पत्रकारिता की नींव रख रहा था। 

यह बात अलग है कि विलियम बोल्ट्स की समाचारपत्र के प्रकाशन की इच्छा पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि कंपनी ने उसे बलात् यूरोप वापस भेज दिया। इसके चार साल बाद 29 जनवरी, 1780 को ईस्ट इंडिया कंपनी के ही दूसरे मुलाजिम जेम्स आगस्टस हिकी ने 'द बंगाल गजट आर केलकटा जनरल एडवरटाइजर' नाम का साप्ताहिक समाचारपत्र प्रकाशित कर भारत में पत्रकारिता के सूत्रपात का श्रेय प्राप्त किया।

हिकी के गजट ने जब ईस्ट इंडिया कंपनी के आला अफसरों की दुर्नीतियों और भ्रष्टाचार के पर्दाफाश का बीड़ा उठाया, तब उसे भी प्रताड़ना का शिकार बनाया गया और अंततः भारत छोड़ना पड़ा।

इन दोनों घटनाओं का पत्रकारिता के इतिहास में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। अव्वल तो यह कि जनता के सरोकारों की बात करना सत्ता प्रतिष्ठान को कभी रास नहीं आता। दूसरे, सत्ताधीशों की काली करतूतों का जो भी पर्दाफाश करेगा उसकी राह में कदम-कदम पर कांटे बिछाने, उसको बरबाद करने में, मदान्ध सत्ता कतई संकोच नहीं करती। तीसरी बात यह कि खतरे उठाकर भी पत्रकारिता दुर्नीतियों और दुराचरण का पर्दाफाश करने से खुद को रोक नहीं सकती। संभवतः पत्रकारिता के गुणधर्म की यही व्यावहारिक परिभाषा है और जब भी पत्रकारिता इस मार्ग से विपथगामिनी होने की चेष्टा करती है उसकी सार्थकता और विश्वसनीयता संकट में फँस जाती है।

30 मई, 1826 को, जब कोलकाता से युगल किशोर शुक्ल ने हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र 'उदन्त मार्त्तण्ड' प्रकाशित किया, तब प्रवेशांक में उद्घोषणा थी- "हिंदुस्तानियों के हित के हेतु अर्थात समाचारपत्र का प्रकाशन सत्ता से लेकर व्यापार तक किसी वर्ग विशेष के हितों की पैरवी अथवा संरक्षण के लिए नहीं होता, बल्कि उसका प्राण तत्व सामाजिक सरोकार होते हैं। इसी के साथ हिन्दी पत्रकारिता की यह रेस चालू हुई।



Wednesday, August 23, 2023

अग्निपुराण प्रकरण 348 एकाक्षर कोष महात्म्य संकलन


अग्नि पुराण
यह पृष्ठ प्राचीन भारतीय संस्कृति, परंपरा और विज्ञान से संबंधित सभी विषयों से निपटने वाले अठारह प्रमुख पुराणों में से एक।

अग्नि पुराण के 348 प्रकरण अध्याय। जो मोनो-सिलेबिक शब्दों (एकाक्षरा) की सूची का वर्णन करता है। लगभग 15,000 संस्कृत छंदों से युक्त, अग्नि-पुराण में निहित विषयों में ब्रह्मांड विज्ञान, दर्शन, वास्तुकला, आइकनोग्राफी, अर्थशास्त्र, कूटनीति, तीर्थ यात्रा गाइड, प्राचीन भूगोल, रत्न विज्ञान, आयुर्वेद आदि शामिल हैं।

अध्याय 348 - एक अक्षर वाले शब्दों की सूची 
(एकाक्षर कोष)
अग्निदेव ने कहा :
1-2। मैं मोनो-सिलेबिक (शब्द) [अर्थात, एकाक्षर ] के अक्षरों (वर्णमाला के) के साथ समाप्त होने का वर्णन करूंगा। 

(अक्षर) " ए " (दर्शाता है) (भगवान) विष्णु और निषेध। ' 
आ ' (अर्थ) ब्रह्मा , एक वाक्य और साथ ही एक सीमा। 
' ए ', जब एक विस्मयादिबोधक के रूप में उपयोग किया जाता है, तो यह क्रोध और दुःख की अभिव्यक्ति भी होगी। 
' मैं ' (दर्शाता है) (भगवान का) प्रेम। 
' ई ' (दर्शाता है) रति (प्रेम के देवता की पत्नी) और लक्ष्मी (धन की देवी और भगवान विष्णु की पत्नी)।
 ' यू ' (दर्शाता है) (भगवान) शिव (और) ' यू ', राक्षस और अन्य।

3. ' ऋ ' (दर्शाता है) एक शब्द और ' म ', (देवता) अदिति ( आदित्य की मां )। (अक्षर) ḷ और ḹ (क्रमशः) (निरूपित) दिति (राक्षसों की मां) और गुहा (शिव और पार्वती के पुत्र )। ' ई ' (दर्शाता है) देवी और ' ऐ ' का अर्थ होगा योगिनी (देवी की महिला परिचर)। ' ओ ' (दर्शाता है) ब्रह्मा और ' औ ', महेश्वर (भगवान शिव)।

4-5। ' अं ' (दर्शाता है) प्रेम के देवता और ' आह ' एक प्रशंसनीय चीज है। ' क ' (अर्थ) ब्रह्मा और अन्य (और) ' कु ' घृणित वस्तु। (अक्षर) ' खं ' शून्य, इंद्रियों और तलवार का प्रतीक है। एक गंधर्व और (भगवान) विनायक (बाधाओं के स्वामी) (अक्षर द्वारा निरूपित हैं) ' गण '। ' गो ' (संकेत) एक गीत और गायक। ' घा ' एक घंटी, एक छोटी घंटी और इसी तरह की और पिटाई के लिए खड़ा है। (अक्षर) ' ना ' इच्छा और भैरव (भगवान शिव का एक भयानक रूप) को दर्शाता है।

6. ' का ' (का अर्थ है) दुष्ट (और) स्टेनलेस। ' च ' (दर्शाता है) विभाजन और ' जी ', जीतना। ' जाम ' (दर्शाता है) एक गीत और ' झा ', सराहनीय। (अक्षर) ' ण ' (दर्शाता है) शक्ति और ' तः ', गायन।

7. ' त ' (दर्शाता है) चंद्रमा की परिक्रमा, (भगवान) शिव और बांधना। ' द ' को रुद्र , ध्वनि और भय माना जाता है । ' हा ' (दर्शाता है) ढोल और ध्वनि।

8. ' अ ' (अर्थ) निष्कर्षण और पता लगाना। ' ता ' (संकेत) एक चोर और पूंछ के अंदर। ' थ ' (अर्थ) खाना, ' द: ', काटना, पालना और अलंकरण।

9. ' ध: ' (दर्शाता है) ब्रह्मा और धतूरा (फूल)। ' ना ' (का अर्थ है) एक संग्रह और कार्रवाई का सही तरीका। ' पा ' उद्यान को (निरूपित करने के लिए) जाना जाता है। ' फा ' को एक तूफ़ान माना जाता है।

10. ' फ ' (अर्थ है) फुटकार (मुंह से फूंकना) और फलहीनता। ' बी ' (दर्शाता है) एक पक्षी और ' भं ', तारामंडल। ' मा ', (मतलब) धन, माप और मां की देवी होगी। ' या ' (का अर्थ है) एक बलिदान, यात्री और एक बहादुर व्यक्ति।

11. (अक्षर) ' रः ' (दर्शाता है) अग्नि (ईश्वर), शक्ति और इंद्र । (अक्षर) ' ला ' कहा जाता है (निरूपित करने के लिए) निर्माता। ' वि ' (दर्शाता है) जुदाई और ' व ', वरुण । ' श: ' (अर्थात) लेटना और ' शं ', सुख।

12. ' सह ' (दर्शाता है) उत्कृष्टता और ' सः ', अतीत। ' सा ' (अर्थ) लक्ष्मी (भाग्य की देवी) और ' सं ' को बालों के ताले (प्रतिनिधित्व के रूप में) माना जाता है। ' ह ' (दर्शाता है) जीविका और रुद्र (शिव का एक रूप)। ' क्ष ' (जिसका अर्थ है) योद्धा वर्ग और वर्णमाला (अविनाशी) के रूप में माना जाता है।

13. (अक्षर) क्षो (दर्शाता है) (भगवान) नृसिंह , हरि और भूमि के संरक्षक (और प्रवेश द्वार)। एक शब्दांश का एक पवित्र सूत्र (माना जाना चाहिए) देवता (जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है) और यह आनंद और मुक्ति प्रदान करता है।

14. सूत्र (के रूप में चल रहा है) ' क्षौम वंदना हयशिरस [1] ' सभी ज्ञान प्रदान करता है। अक्षर ' अ ' और अन्य अक्षर

(ऊपर वर्णित भी हैं) सूत्र। (वे मातृकामंत्र कहलाते हैं) और श्रेष्ठ हैं।

15-16। ये ( मातृकामंत्रों के देवता ) और नौ दुर्गा - भगवती , कात्यायनी , कौशिकी , चंडिका , प्रचंड , सुरनायिका, उग्रा , पार्वती और दुर्गा । ओम , हम (देवी) चंडिका को जान सकते हैं, आइए हम देवी का ध्यान करें और (देवी) दुर्गा हमारे मन को उस ओर ले जाएं। तत्पश्चात् छ: साजो-सामान सहित विधिपूर्वक पूजा की जानी चाहिए: गण एक महाप्राण होना चाहिए।

17-18। तब (देवियों) अजिता , अपराजिता , जया , विजया , कात्यायनी, भद्रकाली , मंगला , सिद्धि और रेवती तथा निपुण (देवताओं) वटुकों की पूजा की जानी चाहिए। बीच में नौ संरक्षक देवता हेतुका , कापालिक , एकपाद और भीमरूप (पूजा की जानी चाहिए)।

19-20। ह्रीं ! हे दुर्गा! (2) रक्षक! सूत्र की सिद्धि के निमित्त आहुति। तब (देवी) गौरी , धर्म और अन्य और स्त्री ऊर्जा (जैसे) स्कंद की पूजा की जानी चाहिए। प्रज्ञा , ज्ञान , क्रिया , वाचा , वागीशी, ज्वालिनी , कामिनी , काममाला, इन्द्र आदि की शक्तियों की पूजा करनी चाहिए।

21-23ए। " ओम गण आहुति" (है) मूल सूत्र है। " गण , गणपति ( गणों के स्वामी ) को प्रणाम" (है) सहायक सूत्र। छह सहायक (पूजा करनी चाहिए)। वे हैं रक्तशुक्ल (लाल और सफेद), दंताक्ष (दांत की तरह धुरी वाले), परशुतक [परशुतक?] (शक्तिशाली कुल्हाड़ी), समोदक (मीठे बॉल केक वाले), गंधादि (सुगंध आदि), और गंधोलकाय (जिस व्यक्ति के पास है) एक सुगंधित छड़ी) क्रम में। हाथी (भगवान), गणों के महान स्वामी (परिचारक) और एक शानदार अगरबत्ती की पूजा की जानी चाहिए। कूष्माण्ड , एक दाँत वाले, तीन नगरों के नाश करने वाले को आहुति, काले-दांत वाले को, जिसकी भयानक हँसी चौंका देती है (सभी), लम्बी नाक और चेहरे वाले को, जिसके पास दाँत में कमल है, मेघोलका को, धूमोलका को, टेढ़ी सूंड वाले को, भगवान को बाधाओं के लिए, भयंकर और भयानक एक के लिए, एक के लिए इंद्र के हाथी की चाल, एक के लिए सर्प-भगवान ( वासुकी ) एक हार के रूप में, एक अर्धचन्द्र धारण करने के लिए, और गणों के स्वामी (परिचारक) . हवन के साथ इन सूत्रों के साथ पूजा करने और तिल के साथ आहुति देने के बाद, व्यक्ति को धन की प्राप्ति होगी।

23बी-24ए। विकल्प के रूप में, सूत्र क से शुरू होने वाले और सूक्ष्म अक्षर के साथ और अलग-अलग दो रास और दो मुख और दो नेत्रों वाले प्रणाम के साथ समाप्त होने वाले अक्षरों से मिलकर बने हो सकते हैं।


કૃપાળુ જી ની ક્ષુબ્ધ અવસ્થા

આજે હું જૂના ભાગ પર ધ્યાન કેન્દ્રિત કરવા માંગુ છું કે જ્યારે શ્રી કૃપાલુ મહારાજે તેમના પ્રવચનમ અને અર્થ કર્યા હતા જ્યારે એઓ એમની ક્ષુબ્ધ અવસ્થા કુદરતી નિયમો દ્વારા આપોઆપ બની હતી … એઓ કંઇજ બોલી નહતા શકતા માત્ર આંખ થી આંસુ નીકળતા હતા.. તેઓ ખૂબ રડ્યા અને બીજા કોઈ શબ્દ નહીં પરંતુ માત્ર રડ્યા હતા…આ વિડિયો અત્યારે યુટ્યુબ પર ઉપલબ્ધ છે પણ ચેનલ પર મને મળી રહ્યો નથી…

આ ક્ષણને સમજાવવી ખૂબ જ મુશ્કેલ છે પરંતુ આજે હું મારા કાકાની વિગત ભાળી કહી રહ્યો છું. તેઓ ક્ષુબ્ધ બની સાંન ભાંન વીસરી, આંખો ના ડોળા ઊંચે ચડાવી દેતા દવાખાને દાખલ કર્યા હતા..પણ એમને કોઈ વાત નો છોછ નહતો..નિખાલસ વાતો મારી અને મમ્મી સાથે તેઓએ કરીછે ત્યારબાદ તો..

અતિશય ધાર્મિક રહેલી વ્યક્તિને ખરેખર જો ક્યારેક સારું કામ કરવું જ હોય તો તે ચોક્કસ કર્મના એક ભાગના કર્મ રૂપે એ જૂની વાતોને યાદ કરી જો પસ્તાતા કરે છે તો એને એની ચોક્કસ સંયોગીકરણ યોગીક અવસ્થામાં પણ એનું ભાન થતા એ આંસુ રૂપે બહાર નીકળી જતી હોય છે અને એનું જીવન ચોખ્ખું થતું હોય છે..

મને કૃપાળુ મહારાજ વિષય વધારે ખબર નથી પણ નિત્યાનંદજી મહારાજની વાતો youtube માં સમાચારમાં ઝલકતી રહેતી હોય છે..

કોઈ જ માણસ સતત સારા વિચાર તો ક્યારેય પણ કરી શકતો નથી અને જો તે કરી શકતો હોય તો તે પોતાની મૂળ અવસ્થામાં નથી .. આ વૈશ્વિક ધારા ધોરણનો, મારો અપનાવેલો નિયમ છે અને આથી જ કર્મ અકર્મ વિકર્મ સાથેની પ્રકૃતિની અંદર ચોક્કસ પ્રકારના કૃત્યનો આપણે દરેક જણ ભોગ બનતા હોઈએ છીએ..

ઘણાને શુદ્ધ ક્ષુબ્ધ અવસ્થા આવતી હોય છે અથવા તો ઘણાને લો પ્રેશર થઈ જતું હોય છે અથવા તો ઘણાને હાઈ બ્લડ પ્રેશર થઈ જતું હોય છે પણ રક્તચાપની જે સ્થિતિ આપણે મેળવતા હોઈએ છીએ, તેમાં આપણા વિભાગીય સ્પંદનો જે તે અવસ્થાના ચરમસીમાના સંકળાયેલા બીજા સજીવોના મનચક્ષુ તથા મન:અવસ્થા ના કૃત્યનો એક પ્રકારના ભાગ કે ભોગ ની રીતે આપણે પણ એના તાદાત્માના સાધ્ય અવસ્થાની અંદર વિભાગીય સ્પંદન થી આપણે આપણી પોતાની સ્થિતિ અનુરૂપ અનુભવી શકીએ છીએ અને એની અનુભૂતિ પણ કરીએ છીએ..

સાચે જ આ વાણી ની ભાષા સમજવી કઠણ છે પણ આધ્યાત્મિક સંજોગોમાં રહેલા ચોક્કસ પ્રકારના મનુષ્યો આ વાત સમજી શકશે.. જો આ માટે હું અહીં એક ઉદાહરણ પણ આપી રહ્યો છું જે ઇસ્કોન દ્વારા ભક્તિ વેદાંત સ્વામીની ભગવદગીતા ના પુસ્તકની અંદર ચિત્રોના ફળ સ્વરૂપે આપેલી છે…


સજીવ સૃષ્ટિનું સંચાલન પ્રભુ કરે છે એ વાતમાં કોઈ મીનમેખ નથી.. પણ સંચાલનના તબક્કામાં દર્શાવતો સમયનો ગાળો અથવા તો જે તે પ્રકારનું ક્ષેત્ર અને એક ક્ષેત્રનો ક્ષેત્રજ્ઞાન જે પણ રીતે આપણી સાથે તાદાત્મક કરે છે શું આપણે એને ઓળખી શકીએ છે ના કદાચ એ ઓળખવા માટે તો બહુ પ્રભુ કૃપા ની સંમતિ જરૂરી છે..

મને તો હજી મારા કામવાસના આવેગ ની અંદર શિશ્ન ઉત્તેજિત થયું છે કે પછી કોઈ બીજા થકી પ્રેરિત થઈને સ્તભન થયું છે એ પણ ખબર નથી પડતી… પણ સાધક અવસ્થા થી એટલી ખબર રહી છે કે અઘોરી બનતા પહેલા ખુદ પોતે પોતાની મરણોત્તર ક્રિયા ગુરુ તરફથી કરાવડાવી જરૂરી છે.. કેમ કે શંકર શુક્ર આચાર્ય ની જવાબ દારી ત્યારેજ લે છે કે જ્યારે અને શિષ્ય અંધક ની ગતિવિધિ ની પલોજળ ત્રાસગાર લોકો માટે હોય… શ્રાવણ મહિના ના સોમવાર ના પ્રણામ..

શુદ્ધ અવસ્થા નું સંતુલન જે પણ કોઈ કરતા હોય તે પરમ સત્ય તત્વોને મારા પ્રણામ

જય ગુરુદેવ દત્તાત્રેય
જય હિંદ
જીગર ગૌરાંગભાઈ મહેતા
Jigaram Jaigishya is jigar:



Thursday, August 17, 2023

Red Flag building name is temple

Maximum Indian temple having red Flag.. RaK means red cell of any Sajeev.. that is saved by God or god's followers.. is the main motto of that colour Flag.. other way red flag constructed building knows as word like MANDIR means slow body (Mand means slow and IR means body)


India saving second carder of those all mixes, henceforth ancient patriotism inspire Indian for making orrange, Greene and white colour spactrum with Blue Ashok chakra ..
Blue is sky colour
Green is trees colour comes from blue and yellow
Orange is sun set & rising shining colour..
White is represent Pavitra or PAK intension..

One slogan is famous for main three colours..
LAAL PILO NE VAADALI
red, yellow and Blue 
MOOL RANG KAHEVAY
Are only main colours 
BAKINA BIJA BADHA
Other done by 
MELVANI THI THAAY 
Mixing each other..

In my senses, mostly all old British Empire still using British Flag types red and blue colour as Flag presentation details and Britishers now using red and white colour as new flagship..and all ready Brixit done before corona time..

Maximum ways all EU and other countries those currency are higher in international markets are having the red and blue colour flagship..

In Indian mythology having biggest depth senses behind choosing colour code..

Here I am giving few details about red blue yellow 
Yellow means not gold but less of body's  red cell.. but by good food yourself increasing red cell...
Blue means not sky but it's covered areas by your eyes whichever are saw by you in sun lights under the sky for memory purpose as human mind is using on 5 % of its portion.. 
Red means developing story in female womb and as it's first cell to be construction..

My language is gujrati and trying to explain sanskrut sanskruti in English..as my motto is clean for making Indian economy growing at all levels.. i have so many grammatical mistakes but trying harder for giving ancient explanation..

Happy Moments 
Jigaram Jaigishya is jigar:
Jay Gurudev DATTATREYA 
Jay HIND 
Jigar Gauraangbhai Mehta 


Monday, August 7, 2023

NDA with I I making IndIa but good with India only

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ⁠। 
तस्माद् धर्मं न त्यजामि मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ⁠।⁠।
 
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामाम्म् यत्र तत् सत्यस्य परमं निधानम्म् ॥

यतो धर्मस्ततो जयः "जहाँ धर्म है, वहाँ विजय होगी"।
महाकाव्य महाभारत में कुल ग्यारह बार आता।


Today I heard news on India tv channel that few China's odd people making funding in India for political agendas.. and news comes from USA news agency New York Times!!!!??

Don't making fights by self mode with far distance countries but making fights between them or others are still old process running successfully in India ???

BJP (NDA) vs congress (i.n.d.i.a) 
USA New York Times article made 30 minutes debate on news channel..on subject China's funding in India for political agendas!!


Little shame on odd tipical news got hit debate for half an hour!!?
Matter is same as some one minister spending his few hours for opening ceremony of private organisation!!

NDA with I I making IndIa but good word is with India, few alphabet only small are always good...

Happy Moments
Jay Gurudev DATTATREYA 
Jay HIND 
Jigaram Jaigishya is a Jigar:
Jigar Gauraangbhai Mehta 


Saturday, August 5, 2023

ईशा

ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत् । 
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विदनम् ॥१॥

મંત્રા : આ સૃષ્ટિમાં જે કઈ દૃશ્યમાન છે તે મધામાં પરમાત્મા વસીને રહેલા છે. તેણે [તને આપેલા પદાર્થોં વડે ભાગ ભગવ. કાઈ અન્યના ધનની ઇચ્છા કરીશ નહિ. (૧)

ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत् । 

ई श अव अस्यम ई (दं)दम सर्वम यत किंच जगत् य अम (अं) जगते?
बड़ा रूप (भगवान शंकर का) हमारा (ही) अवधारणा वाला जिस बल से (द किसीने कहा हे, इच्छा से वह ) यहाँ जगत में हे, वह अं रूप में कहां हे?

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विदनम् ॥१॥
ते न त्य क्त (इं) ईन, भ ऊं ज ईथा, मा गृद्ध: कस्य स्व इ द नम:??

वह हमारा नित्य बहता तेजोमय ज्ञानरूप (इन) भ कार वाला बड़ा ऊ कार युक्त हे ही, वह थ कार रूप, जो म कार से अ कार हे, जो ग कार से रूद्ध हे, वह हमारा खुदकी इच्छा वाले हमारे द को प्रणाम केसे करे??


Thursday, August 3, 2023

1.5, 1.25 and 20 means SAWAA

…Matter is important for those Who are knowing anything is as nothing and nothing is as everything..


Other relevant & related are common, unless you find special from whatever given by the knowledgeable person & if your matter is unknown from the knowledgeable man
It’s Automatically upgrade your education status …

Cha च अक्ष aksh (अक्ष means dimensions) equal to the word checks means few horizontal and vertical lines combination…or in sanskrut ekakshar kosh mean as something little jointly attached with someone or in eager to joining… that’s maybe you can consider as zero.. 

My friend Manan said myself as “Hi Jacks”… it's hidesign

Mean J aks ( aks means mirror images)… As per English alphabet number it’s on 10 number… Means person’s entire body entering in the door… Which things inside is different…I know London is on 0 and 50 longitude latitude and it’s prime minister most recently entered in the gate number 10…. UK pmo gate number...

Now important things about the number 20 … Recently I know as the same is T Aks (few happy with T AX)…in India general sale tax put by prime minister on India’s all products…

T is on 20 number of English alphabet order…

mean T aks… Mean if you consider in sanskrut meaning, the snake who killed parikshit is name Takshak, in bhagwat…and basically it’s means some one separate self from such things for good humanity based finding good things that’s called or know as T aks k… either people evaluate same bad or good…and K is on 11 number alphabet order.. in abcd...

See the playing cards matter 10 and J K Q… Sequence for solution… q is on 17 number..

After 10 again J, joker alphabets which is on TEN on in order of alphabets are coming twice as 10… By hidden way… in playing cards.. many people knows the truth...

We are human not robot so if you want to give your best knowledge to other you have to accept the other language like T aks mentioned as you 20 as one and zero is in computer program…

Half written will finishing…but now consider different ways...

WHY and what type of necessary needs by British people or scientists needs to put decimals compulsory after 100???

Simple answer I don't know BUT..

See few tricks 

Since Ancient times quartz means clock consider SAWAA as 1.15..

In numerical sence SAWAA consider as 1.25.. this is worldwide truth

BUT

In ancient India there are different names of weightage units removed or abolished by European or foreign countries people..

But their own Oz still in usage of perfume weightage or showing volume capacity in or on bottle.... WHY .. mostly all aromatic having these sences on label...

Now come to the point

  4 chaar aanaa 0.25 Paisa

  8 aath aanaa 0.50 Paisa

12 baar aanaa 0.75 Paisa

16 Sol aanaa 1.00 rupiya

20 vees aanaa 1.25 rupiya SAWAA

20 means SAWAA means you are absolutely one and only if your parents but my knowledge is still growing your skills with ch च kaar form ... so you are second zero of my own, as little clone type alien ways spiritual world economy..for using at special places..

VEES means we are good and you are good by my knowledge or information whichever I am passing to you or your mind...


Ancient Egyptians were made tomb and after death of King so many live people going in tomb with the king.. these much odd sences was available in ancient times.. India had satipratha.. removed Now.. but before few years in Rajasthan one sati did her jobs..(2015 around time happened)

I saw very good economy now.. and it's India..and Indian great work..

Jigar Gauraangbhai Mehta / 

Jigaram Jaigishya is jigar:

एकोहम द्वितीय नास्ति 

Jay Gurudev DATTATREYA

Jay HIND


राष्ट्र स्तुति

राष्ट्र स्तुति प्रियं भारतम् प्रकृत्या सुरम्यं विशालं प्रकामं सरित्तारहारैः ललामं निकामम् । हिमाद्रिर्ललाटे पदे चैव सिन्धुः प्रियं भारतं सर्...