Wednesday, September 30, 2020

FD's surprised rate of interest structure

See produced different bank's rate of interest of fixed deposit, including senior citizens...

Little surprised personally on Many variations!! Along with giving little worry on present days RBI's decision and policies...

After so many bank merging, we are still not getting common rate of interest at nationalised bank...

Most effective are 180, 181 and 185 days rate of interest structure... whatever that are, just include 0.5% more for senior citizens ...

SBI's 180 Days FD% are 3.90%
BOB's 180 days FD% are 4.40%
ICICI 184 days FD% are 3.50%
YES bank 180 days are on 6%

SBI's 365 days one year FD% are 5.10%
BOB's 365 days one year FD% are 4.90%
ICICI 365 days one year FD% are 4.40%
YES bank 365 days one year are on 6.50%

Here produced today's rate of percentage with effects dates in pictures... you ca6see it in brief...

SBI details are as above


BOB details are as above

ICICI details are as above


YES Bank details are as above

While RBI's repo and reverse repo rate structure of percentage are mostly common for all nationalised bank...

Latest RBI Bank Rates in Indian Banking - 2020


SLR RateCRRMSFRepo RateReverse Repo RateBase Rate
18%3%4.25%4%3.35%8.15% - 9.40%


Repo rate also known as the benchmark interest rate is the rate at which the RBI lends money to the banks for a short term. When the repo rate increases, borrowing from RBI becomes more expensive. If RBI wants to make it more expensive for the banks to borrow money, it increases the repo rate similarly, if it wants to make it cheaper for banks to borrow money it reduces the repo rate. Current repo rate is 4%

Reverse Repo rate is the short term borrowing rate at which RBI borrows money from banks. The Reserve bank uses this tool when it feels there is too much money floating in the banking system. An increase in the reverse repo rate means that the banks will get a higher rate of interest from RBI. As a result, banks prefer to lend their money to RBI which is always safe instead of lending it others (people, companies etc) which is always risky

Repo Rate signifies the rate at which liquidity is injected in the banking system by RBI, whereas Reverse Repo rate signifies the rate at which the central bank absorbs liquidity from the banks.


RBI joined other central banks and slashed the repo rate, reverse repo rate and CRR to help maintain stability as a response to the Corona Virus crisis. In April 2020, RBI cut the reverse repo rate so banks will get lower interest rate which will push them to give out more loans to the general public and companies. In May 2020, they slashed repo and reverse repo rate again. RBI also extended the moratorium on payment of loans by another three months till August.


Statutory Liquidity Ratio (SLR) - वैधानिक तरलता अनुपात
अपनी जमा पर लोन जारी करने की अनुमति बैंक को तभी दी जाती है, जब बैंक इस अनुपात को सुरक्षित रख लेते हैं. रिजर्व बैंक इसका निर्धारण करता है. 40 फीसदी SLR की अधिकतम सीमा रह चुकी है. रिजर्व बैंक SLR की सीमा 40% से 0% तक रख सकता है.
May 28, 2020


CRR means Cash reserve Ratio वह पैसा होता है जिसे बैंक RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया) के पास जमा रखते है. यदि CRR 4% है तो इसका मतलब यह है की भारत के हर बैंक को अपनी कुल जमा राशी में से 4 प्रतिशत धन राशी RBI के पास जमा रखनी होती है

MSF rate means

Marginal Standing Facility. MSF भी बैंकिंग से सम्बंधित टर्म है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति (2011-12) में सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) शुरू की थी. इसके अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (Scheduled Commercial Bank) रिजर्व बैंक से, वर्तमान रेपो दर से 1% अधिक ब्याज दर पर पैसा उधार ले सकता है. यद्यपि उधार लेने की technique रेपो रेट के जैसी ही है….जैसे>> SBI ने यह कह कर RBI के पास bond गिरवी रखी कि वह उसे बाद में अधिक दर पर खरीदकर वापस ले लेगा. इसमें भी बांड गिरवी रखकर लोन लिया जाता है.

अक्सर अपने जमा और ऋण पोर्टफोलियो में imbalance होने के चलते बैंकों को तरलता की कमी का सामना करना पड़ता है. बैंकों में अचानक नकदी/तरलता की भारी कमी आ जाने पर MSF के माध्यम से RBI से धन उधार ले लिया जाता है. ये लोन short-term loan होते हैं जिन्हें सिर्फ एक दिन के लिया जाता है. 

इसे इस तरह से याद कर सकते हैं:–>>

  1. रेपो रेट = रिवर्स रेपो रेट + 1%
  2. MSF रेट= रेपो रेट + 1%
... बैंक RBI से अधिकतम उतना ही राशि का MSF ले सकता है जितना उसकी शुद्ध माँग और टर्म दायित्वों/Net demand and Time liabilities (NDTL) का 1% होता है. उफ़! यह तो टेक्निकल और थकाऊ लाइन मैंने कह दिया :p—- दूसरे शब्दों में कोई भी बैंक अधिकतम (maximum) अपने जमा एवं उधार की कुल राशि (total amount) का एक प्रतिशत ही ऋण ले सकता है. मतलब जितना बैंक का औकात है , उतने का 1% लोन ही ले सकता है. याद रहे कि बैंक के जमा (deposits) और उधार (borrowings) के योग को NDTL कहा जाता है...

When bank's are merger done in India, there are so many capital amount increased in volume... The expense of bank's are decrease by so many reasons... 

Still they are not increased the rate of interest of fixed deposit... Most of people are considering that GDP of India, GST collection, 

For further details pleas read the following blogs which are written previously....



These both are for Indian economic conditions for past days and eye opening details though it has not in proper grammar mode but reputed charter accountants can give proper guidance to handling recent days slow economic development to improve better in condition...

Jay Gurudev Dattatreya

Jay Hind

Jigar Mehta / Jaigishya

Sunday, September 27, 2020

Daughter at September 2020

My daughter and his most important table at her Nana nanee's home...
We mostly set on it for dinner and lunch or breakfast or tea coffee...
But she is now alone at that place when I click the photo...
She didn't get admission in collage after passed 12th arts stream
My father in law passed away this month's 6th date of 2020..
I  crying unknown way but she cried lot yesterday in her nanee's lap...
My wife and her mother also cried in remembering of relationship..
So many debt amount yet pending and few odds having but we will get solutions...
MRUDANG is the well known name of music industry as recording studio...
I am really unknown from such true story of my in laws house but watching fraud ...
Even feel that but can't tell anybody and getting anger but no one want to understand...
My mother was insisted by my wife's fua, you should not mived sheelaj ie. At my in laws home, as Corona time... 
Why myself made journey soany time at same place is bigger question while my brother in law's visit were nill... Or we can say he was visited for only Hindu religion funeral's time only as he is only son of wife's uncle and aunty!!!!!
Well I feel personal way much odds at the same home even while when my father in law was live...
मेरे शरीर को जड़वत का अहेसास कराने वाले परम् तत्व को प्रणाम। सांसे चलती रही है।
તંદ્રા અને નિંદ્રા માં પણ શબ્દ ભેદ છે...
ત ન્દ્ર અ =  
અને 
નિ ન્દ્ર અ =

સમજણ શક્તિ છે પણ લખવી નથી.

જય ગુરુદેવ દત્તાત્રેય

જય હિન્દ

જીગર મહેતા / જૈગીષ્ય

નોંધ
પ્રભુ તમને અમારા પ્રશ્નો હલ કરવાની છૂટ છે જ તો કરો...


Saturday, September 26, 2020

गायत्री चालीसा

ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड ॥

शांति कांति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखण्ड।।1

जगत जननी मंगल करणी गायत्री सुखधाम

प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ २॥


भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी 

गायत्री नित कलिमल दहनी ॥॥

अक्षर चौबीस परम पुनीता ।

इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥॥

शाश्वत सतोगुणी सत रूपा ।

सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥॥

हंसारूढ श्वेतांबर धारी ।

स्वर्ण कांति शुचि गगन-बिहारी ॥॥

पुस्तक पुष्प कमंडलु माला ।

शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥॥

ध्यान धरत पुलकित हित होई ।

सुख उपजत दुख दुर्मति खोई ॥॥

कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।

निराकार की अद्भुत माया ॥॥

तुम्हरी शरण गहै जो कोई ।

तरै सकल संकट सों सोई ॥॥

सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।

दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥॥

तुम्हरी महिमा पार न पावैं ।

जो शारद शत मुख गुन गावैं ॥॥

चार वेद की मात पुनीता ।

तुम ब्रह्माणी गौरी सीता ॥॥

महामंत्र जितने जग माहीं ।

कोउ गायत्री सम नाहीं ॥॥

सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।

आलस पाप अविद्या नासै ॥॥

सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।

कालरात्रि वरदा कल्याणी ॥॥

ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते ।

तुम सों पावें सुरता तेते ॥॥

तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।

जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥॥

महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।

जय जय जय त्रिपदा भयहारी ॥॥

पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।

तुम सम अधिक न जगमें आना ॥॥

तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।

तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेसा ॥॥

जानत तुमहिं तुमहिं व्है जाई ।

पारस परसि कुधातु सुहाई ॥॥

तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई ।

माता तुम सब ठौर समाई ॥॥

ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड घनेरे ।

सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥॥

सकल सृष्टि की प्राण विधाता ।

पालक पोषक नाशक त्राता ॥॥

मातेश्वरी दया व्रत धारी ।

तुम सन तरे पातकी भारी ॥॥

जापर कृपा तुम्हारी होई ।

तापर कृपा करें सब कोई ॥॥

मंद बुद्धि ते बुधि बल पावें ।

रोगी रोग रहित हो जावें ॥॥

दरिद्र मिटै कटै सब पीरा ।

नाशै दुख हरै भव भीरा ॥॥

गृह क्लेश चित चिंता भारी ।

नासै गायत्री भय हारी ॥॥

संतति हीन सुसंतति पावें ।

सुख संपति युत मोद मनावें ॥॥

भूत पिशाच सबै भय खावें ।

यम के दूत निकट नहिं आवें ॥॥

जो सधवा सुमिरें चित लाई ।

अछत सुहाग सदा सुखदाई ॥॥

घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।

विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥॥

जयति जयति जगदंब भवानी ।

तुम सम ओर दयालु न दानी ॥॥

जो सतगुरु सो दीक्षा पावे ।

सो साधन को सफल बनावे ॥॥

सुमिरन करे सुरूचि बडभागी ।

लहै मनोरथ गृही विरागी ॥॥

अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता ।

सब समर्थ गायत्री माता ॥॥

ऋषि मुनि यती तपस्वी योगी ।

आरत अर्थी चिंतित भोगी ॥॥

जो जो शरण तुम्हारी आवें ।

सो सो मन वांछित फल पावें ॥॥

बल बुधि विद्या शील स्वभाउ ।

धन वैभव यश तेज उछाउ ॥॥

सकल बढें उपजें सुख नाना ।

जे यह पाठ करै धरि ध्याना ॥

 

यह चालीसा भक्ति युत पाठ करै जो कोई ।

तापर कृपा प्रसन्नता गायत्री की होय।।


Friday, September 25, 2020

ची मन की ऊर्जा

✍ फिकर न करे लोग भूल जाते हे लेकिन अल्लाह नहीं भूलता ना आपकी नेकी ना दुसरो की ज्यादती।

गन्ने में जहाँ "गाँठ" होती हैं वहाँ "रस" नहीं होता, 
जहाँ "रस" होता हैं वहाँ "गाँठ" नहीं होती, 

अल्लाह याद क्या रखता है, रसूल क्या कहता है?

वही बात दूसरी तरफसे की राम क्या कहे लक्ष्मण क्या करे?

वेदोक्त ज्ञान तो कर्म को अकर्म से विकर्म तक ओर मूल कर्म की बात को फल स्वरूप तोर पर स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर से मनुष्य को समज़ा चुका है। 

प्रश्न है कि वह बात आजकी दुनिया मे कौन कैसे समझता है ओर क्या करता है?

ओर ये बात कुछ ऐसे में समझौते से कहूं तो, ऐसे रहेगी शायद,

"महीने की 32 तारीख को सूर्योदय होते ही 25वे घण्टे पर, जैसेकि किसीकी शादी का मुहूर्त होना।"

एक बचपन की बात याद थी गुजरातके भूतपूर्व जनता दलीय CM चिमनभाई पटेल के बारेमे उदाहरणीय तोर पर टांकी है।

वे चोर को कहते थे चोर तू चोरी कर। पोलिस को भी कहते थे , देखो वह चोर चोरी कर रहा है। जब पोलिस चोर को पकड़े तो चोर अगर कहे, मुझे तो चिमन ने ही कहा था। तो चिमन कहता, में तो कहूं पर तेरी बुद्धि क्या घास चरने गई थी? और अगर कहा भी है तो वह कागज़ बता, क्या लिख के दिया है?

नाम भले ही भूतपूर्व राजकीय नामांकित व्यक्ति का है पर नाम का अर्थ है "ऊर्जा वाला मन"।

चीन प्रान्त में "ची" मतलब ऊर्जा और "न" मतलब "हमारी" ओर जिसे नियंडरथल कहते है, उनकी आंख छोटी, ओर दबा हुआ नाक पहले से है, वही तिब्बती, मंगोलियन, चायनीज़, जापानीज, कहलाये।

दबे हुए नाक से ऊंची पहाड़ी की पतली हवा को गर्म रख कर , नासिका के उच्चारण वाले शब्द बोलके मगज को भी चेतान्वित करके जीवन व्यतीत करते थे वह निएंडरथल।

आज के दिनमे संस्कृत लोग कम बोलते है पर उसका शब्दाव्यय उच्चारण सभी जगह मातृका के रूपमे मौजूद है।

सबको अपनी मनोरंजित नही पर मनोर्जित अच्छी ऊर्जा को संभालना चाहिए।

जय गुरुदेव दत्तात्रेय।

जय हिंद

जिगर महेता / जैगीष्य
 पोस्ट ऑफिस, नवजीवन बिल्डिंग, आश्रम रॉड, 
अमदावाद, गुजरात, भारत, (मेरी माँ जिगिषा)

कुकीसलाड

कुकीसलाड की सामग्री। एक प्लेट के लिए।

पार्ले जी बिस्किट 5/-₹
एक ककड़ी
एक टमाटर
एक गोबी पत्ता
किसान सॉस पाउच
खजूर चटनी पाउच 
व्हाइट सॉस (मय्योनिज़)
शहद ओर चेरी

लोग समझते हैं कि बिस्किट जो मेदे से बनता है उसे सब्जी के साथ नही लेना  है। पर मेरी सोच अलग है । मध्यम वर्गीय लोगों के लिए जैसे मैगी एक आविष्कार थी वैसे मेने यह प्लेट बनाना सोचा। कामयाब भी रहा।

पार्ले जी मे ग्लूकोज के साथ थोड़ा नमक होता ही है। तो उसके ऊपर सॉस की हल्की आवरण चमच से बनाके, एक स्लाइस ककड़ी, वैसे ही खजूर की चटनी के साथ के आवरणमें टमाटर स्लाइस, ओर व्हाइट सॉस मेयोनीज के साथ गोबी पत्ता के नन्हे टुकड़े।

अब शहद के साथ आवरण वाले में चेरी या कोईभी फ्रूट रख सकते है। 

यहां पर निम्नतम खर्च में महत्तम पौष्टिक आहार की बात सोची है। 

मेयोनीज महँगी हो सकती है, इस लिए उल्लेख नही किया है पर अगर हो तो उसे भी इसी प्रमाण से सजावट के साथ पेश फ़रमा सकते है।

यहीं पर कॉजू, बादाम, भी फर्निशिंग कर सकते है जिसे ड्राई फ्रूट कुकी सलाड कहते है और उसे अपने तरीके से न्याय दे सकते है। उसके लिए अगर नमक वाले कॉजू हो तो खजूर की चटनी अच्छी रह सकती है पर वह ज़ायके की बात है।

घरकी बनाई हुई फुदिने कि खट्टी चटनी भी टमाटर ककड़ी के लिए अच्छी है।

सलाद की जगह पनीर, चीज़, बटर भी रख सकते है। जैसे अपने अपने पाकिट की गर्माहट।

चित्र में उदाहरणीय तौर पे मोनेको बिस्किट बताये हुए है।प्याज भी है। लेकिन स्वीट के साथ प्याज कुछ अलग अंदाज रहता है। 

जय गुरुदेव दत्तात्रेय

जय हिंद

जिगर महेता / जैगीष्य

Thursday, September 24, 2020

वैदिक घटिकाक्षण

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*વૈદિક ઘડિયાળ*
*નામના અર્થ સાથે*
🕉️1:00 વાગ્યાના સ્થાન પર *ब्रह्म* લખેલું છે જેનો અર્થ થાય છે;
બ્રહ્મ એક જ છે બે નથી.
🕉️2:00 વાગ્યાના સ્થાને *अश्विनौ* લખેલું છે તેનો અર્થ થાય કે;
અશ્વિની કુમારો બે છે
🕉️3:00 વાગ્યાના સ્થાને *त्रिगुणाः* લખેલું છે તેનો અર્થ થાય ત્રણ પ્રકારના ગુણો: 
સત્વ રજસ્ અને તમસ્
🕉️4:00 વાગ્યાના સ્થાને *चतुर्वेदाः* લખેલું છે તેનો અર્થ થાય વેદો ચાર છે;
ઋગ્વેદ યજુર્વેદ સામવેદ અને અથર્વવેદ
🕉️5:00 વાગ્યાના સ્થાને *पंचप्राणा* લખેલું છે જેનો અર્થ થાય પાંચ પ્રકારના પ્રાણ છે;
પ્રાણ, અપાન, સમાન, વ્યાન અને ઉદાન
🕉️6:00 વાગ્યાના સ્થાને લખેલું છે *षड्रसाः* એનો અર્થ થાય કે રસ છ પ્રકારના છે;
મધુર, ખાટો, ખારો, કડવો, તીખો, તૂરો
🕉️7:00 વાગ્યાના સ્થાને લખેલું છે *सप्तर्षियः* તેનો અર્થ થાય સાત ઋષિ છે;
કશ્યપ, અત્રી, ભારદ્વાજ,
વિશ્વામિત્ર, ગૌતમ, જમદગ્નિ અને વસિષ્ઠ
🕉️8:00 વાગ્યાના સ્થાને લખેલું છે *अष्टसिद्धि* જેનો અર્થ થાય આઠ પ્રકારની સિદ્ધિ છે;
અણીમા, મહિમા, દધીમા, ગરીમા, પ્રાપ્તિ, પ્રાકામ્ય, ઈશિત્વ અને વશિત્વ
🕉️9:00 વાગ્યાના સ્થાને લખેલું છે *नव द्रव्याणी* જેનો અર્થ થાય નવ પ્રકારની નિધિઓ હોય છે;
પદ્મા, મહાપદ્મ, નીલ, શંખ, મુકુંદ, નંદ, મકર, કશ્યપ અને ખર્વ
🕉️10:00 વાગ્યના સ્થાને લખેલું છે *दशदिशः*, જેનો અર્થ થાય દશ દિશાઓ;
પૂર્વ, પશ્ચિમ, ઉત્તર, દક્ષિણ, ઈશાન, અગ્નિ, નૈઋત્ય, વાયવ્ય, આકાશ અને પાતાળ
🕉️11:00 ના સ્થાને લખેલું છે *रुद्राः* જેનો અર્થ થાય રુદ્રા અગિયાર છે;
કપાલી, પિંગલ, ભીમ, વિરુપાક્ષ, વલોહિત, શાસ્તા, અજપાદ, અહિર્બુધ્ન્ય, ચંડ, ભવ
🕉️12:00 વાગ્યાના સ્થાને લખેલું છે *आदित्याः* જેનો અર્થ થાય છે આદિત્યો બાર છે ;
અંસુમાન, અર્યમાન, ઈંદ્ર, ત્વષ્ટા, ધાતુ, પર્જન્ય, પૂષા, ભગ્,મિત્ર, વરુણ, વિવસ્વાન, વિષ્ણુ

राष्ट्र स्तुति

राष्ट्र स्तुति प्रियं भारतम् प्रकृत्या सुरम्यं विशालं प्रकामं सरित्तारहारैः ललामं निकामम् । हिमाद्रिर्ललाटे पदे चैव सिन्धुः प्रियं भारतं सर्...