अगर भारत के हिंदू धर्म के अंदर राशि के नाम होते हैं। गायत्री के अंदर अक्षर ऊर्जा का प्रावधान कहा गया है, तो अक्षर ऊर्जा के प्रावधान के साथ राशि के जो नाम है, उनके साथ का प्रयोजन, किस तरह का हो सकता है, वह एक औदार्यपूर्ण विचार है।
राशि का नाम 12 राशियों के अक्षर
मेष : (અ લ ઈ )
वृष भ :(બ વ ઉ ). વ
मिथुन: (ક, છ, ઘ )
सिंह: (મ ટ )
कन्या: ( પ ઠ ણ )
तुला: (ર ત )
वृश्चिक : ( ન ય )
धनु : (ધ ઢ ફ ભ )
मकर: (ખ જ)
कुम्भ: (ગ સ શ ષ)
मीन: (દ ચ ઝ થ)
कर्क: (ડ હ)
सिर्फ वृषभ राशि के अंदर ही राशि के अनुसार का "व" जो अक्षर है वह उसमें आता है।
वृषभ यानी बेल या नंदी और सही तौर से देखे तो व्यंजन अक्षर व (यानी अग्नि पुराण एकाक्षर कोश के तहत आवृत्त) के नीचे रखा हुआ उल्टा ऋषि का " ऋ " या "र" कार की आधी मात्रा (यह एक पूर्वधारणा हे)।
वृष और भ उसके साथ ब व उ जैसे लिखा है वह सही है, भ कार यानी अग्नि वह भी आवृत्त
Happy Moments
Jay Gurudev DATTATREYA
Jay HIND
જીગર ગૌરાંગભાઈ મહેતાના પ્રણામ